इंदौर. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हिंदुओं के कट्टरपंथीकरण को देश के लिए घातक बताया है। उन्होंने इमरान खान को सम्मान देते हुए कहा कि हमने यूएन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीजी का भाषण सुना, वे कट्टरपंथी इस्लाम की बात कर रहे थे। वहां बहुसंख्यक आबादी (मुस्लिम) का सांप्रदायिकरण हुआ। उसके जवाब में भारत में हिंदुओं का कट्टरपंथीकरण करना भी उतना ही खतरनाक है। बहुसंख्यकों में सांप्रदायिकता बढ़ी तो देश को बचाना मुश्किल होगा। यह बात जवाहर लाल नेहरू भी कह चुके हैं।
बापू की 150वीं जयंती के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह अजीब है कि जिस विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या की, उसका अपने कार्यकर्ताओं को संदेश है कि एक महीने तक हर पंचायत में पदयात्रा करो। आप वहां कौन-सा दर्शन जनता के सामने रखेंगे, गांधी दर्शन रखेंगे या गोडसे या गोलवलकर दर्शन? आज हमारे सामने चुनौती है। हमें इसका जवाब अहिंसा से देना होगा। दरअसल, गांधी जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा ने बुधवार से देश में 150 किमी की पदयात्राएं शुरू की हैं।
दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेसियों की यह आदत है कि वे किसी से बहस नहीं करते, लेकिन बहस करना चाहिए अपनी बात रखनी चाहिए। हमें पता है कि सामने वाला चर्चा के दौरान हमें गाली देंगे क्योंकि उनके पास तर्क नहीं है। लेकिन हमें अपनी बात रखनी चाहिए, विरोध सहने की क्षमता होनी चाहिए।
'मोदी को गांधी की कद्र नहीं, ट्रम्प ने उन्हें राष्ट्रपिता कहा था'
दिग्विजय ने बुधवार को अमेरिका के ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपिता कहा था, तब उन्हें तत्काल विरोध दर्ज कराना चाहिए था। अगर मोदी को महात्मा गांधी की जरा भी कद्र होती तो वे ट्रम्प के इस सम्मान को कभी स्वीकार नहीं करते हैं।
देश को मौजूदा गोडसे से बचा लो: ओवैसी
दूसरी ओर, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने औरंगाबाद की रैली में कहा था कि नाथूराम गोडसे ने तो महात्मा गांधी को गोली मारी थी, मगर मौजूदा गोडसे गांधी के हिंदुस्तान को खत्म कर रहे हैं। जो गांधी के मानने वाले हैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस वतन-ए-एजाज को बचा लो।